WHAT DOES SHIV CHAISA MEAN?

What Does Shiv chaisa Mean?

What Does Shiv chaisa Mean?

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मातु पिता भ्राता सब कोई। संकट में पूछत नहिं कोई॥

किया तपहिं भागीरथ भारी। पुरब प्रतिज्ञा तसु पुरारी॥

द्वादश ज्योतिर्लिंग मंत्र

अर्थ: हे प्रभु जब क्षीर सागर के मंथन में विष से भरा घड़ा निकला तो समस्त देवता व दैत्य भय से कांपने लगे (पौराणिक कथाओं के अनुसार सागर मंथन से निकला यह विष इतना खतरनाक था कि उसकी एक बूंद भी ब्रह्मांड के लिए विनाशकारी थी) आपने ही सब पर मेहर बरसाते हुए इस विष को अपने कंठ में धारण किया जिससे आपका नाम नीलकंठ हुआ।

किया तपहिं भागीरथ भारी। पुरब प्रतिज्ञा तासु पुरारी॥

ध्यान पूर्वक होम करावे ॥ त्रयोदशी व्रत करै हमेशा ।

कर त्रिशूल सोहत छवि भारी। करत सदा शत्रुन क्षयकारी॥

शिव पूजा में सफेद चंदन, चावल, कलावा, धूप-दीप, पुष्प, फूल माला और शुद्ध मिश्री को प्रसाद के लिए रखें।

Glory to Girija’s consort Shiva, that is compassionate for the destitute, who usually guards the saintly, the moon on whose forehead sheds its attractive lustre, and in whose ears will be the pendants of the cobra hood.

कमल नयन पूजन चहं सोई ॥ कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर ।

Whosoever provides incense, Prasad and performs arati to Lord shiv chalisa lyricsl Shiva, with appreciate and devotion, enjoys material happiness and spiritual bliss During this environment and hereafter ascends on the abode of Lord Shiva. The poet prays that Lord Shiva eradicated the struggling of all and grants them Everlasting bliss.

किया उपद्रव तारक भारी। देवन सब मिलि तुमहिं shiv chalisa lyricsl जुहारी॥

मैना मातु की ह्वै दुलारी। बाम अंग सोहत छवि न्यारी॥

धन निर्धन को देत सदाहीं। जो कोई जांचे वो फल पाहीं॥

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